तमाम दुशवारियों के बाद भी ,
बेवक्त तेरे जाने के बाद भी
अपनी हसरत के ख़त्म होने के बाद भी-
तेरी आमद का इंतजार है .
वक़्त के रुक जाने के बाद भी,
अश्क-इ-ग़म मै डूबने के बाद भी
अपने अरमानो के लुटने के बाद भी-
तेरी आमद का इंतजार है.
ज़िन्दगी में ठहराव के बाद भी,
खुद से अलगाव के बाद भी,
ख्वाबो के बिखराव के बाद भी-
तेरी आमद का इंतजार है.
ज़िक्र अपना ख़त्म होने के बाद भी,
परिंदों के लौटने के बाद भी,
मयखाने के आखिरी जाम के बाद भी-
तेरी आमद का इंतजार है!
-गंगेश राव
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
nice poem...keep writing
ReplyDeletewah jiju vry nice imotional and heart touching poem keep on writing and keep on touching others.who ever read this he wil not at al dare to leave u
ReplyDelete