Monday, November 29, 2010

'तुम पास हो.........!'

तुम पास न होकर भी
मेरे पास हो,
इठलाती कलियों की सुगंध में ,
गुलाबी सर्दियों में,
इन सुनहरी हसीन वादियों में-
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मैंने हर लम्हा तुम्हारे साथ जिया है........।
तुम पास न होकर भी-
मेरे पास हो!

आज इस सिसकती शाम में-
तुम्हारा महकता एहसास बहुत याद आया है.........
सच है-

तुम पास न होकर भी-
मेरे पास हो!