Monday, April 13, 2009

neend ki baho mein

ऐ सितारों प्यार से उनके सर पे हाथ फेर देना ,
मेरी नींद ने थकान की चांदनी ओढ़ ली है!
-गंगेश राव

Sunday, April 5, 2009

परछाईं

यूँ तो तुम,
हर पल
साथ साथ हो -
लेकिन-
मेरे संवेदनों ,
मेरी भावनाओं से दूर !

मैंने बचपन में -
तुम्हें हर पल का साथी समझा था ,
लेकिन-नहीं.....!
तुम कभी दूर-कभी पास
व्यर्थ ही गतिशील !
तुम मुझे शायद समझ नहीं सकती -
क्यूँ कि-
तुम-
बारिश कि फुहारों में धुन्धलाती-
मेरी 'परछाईं ' मात्र हो !
- गंगेश राव

Saturday, April 4, 2009

तेरी आमद का इंतजार है

तमाम दुशवारियों के बाद भी ,
बेवक्त तेरे जाने के बाद भी
अपनी हसरत के ख़त्म होने के बाद भी-
तेरी आमद का इंतजार है .
वक़्त के रुक जाने के बाद भी,
अश्क-इ-ग़म मै डूबने के बाद भी
अपने अरमानो के लुटने के बाद भी-
तेरी आमद का इंतजार है.
ज़िन्दगी में ठहराव के बाद भी,
खुद से अलगाव के बाद भी,
ख्वाबो के बिखराव के बाद भी-
तेरी आमद का इंतजार है.
ज़िक्र अपना ख़त्म होने के बाद भी,
परिंदों के लौटने के बाद भी,
मयखाने के आखिरी जाम के बाद भी-
तेरी आमद का इंतजार है!
-गंगेश राव