Saturday, April 4, 2009

तेरी आमद का इंतजार है

तमाम दुशवारियों के बाद भी ,
बेवक्त तेरे जाने के बाद भी
अपनी हसरत के ख़त्म होने के बाद भी-
तेरी आमद का इंतजार है .
वक़्त के रुक जाने के बाद भी,
अश्क-इ-ग़म मै डूबने के बाद भी
अपने अरमानो के लुटने के बाद भी-
तेरी आमद का इंतजार है.
ज़िन्दगी में ठहराव के बाद भी,
खुद से अलगाव के बाद भी,
ख्वाबो के बिखराव के बाद भी-
तेरी आमद का इंतजार है.
ज़िक्र अपना ख़त्म होने के बाद भी,
परिंदों के लौटने के बाद भी,
मयखाने के आखिरी जाम के बाद भी-
तेरी आमद का इंतजार है!
-गंगेश राव

2 comments:

  1. wah jiju vry nice imotional and heart touching poem keep on writing and keep on touching others.who ever read this he wil not at al dare to leave u

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